“ओ कपटी, मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ, थाँने धिकार हे! थाँ मनकाँ का वाते हरग का राज को बारणो बन्द करो हो, ने तो थाँ खुद परवेस करो हो अन ने वींमें परवेस करबावाळा ने परवेस करबा देवो हो।
तद्याँ यहूदो रोमी सेना का एक दल ने अन मुक्य याजकाँ अन फरीसियाँ की आड़ीऊँ मन्दर का चोकीदाराँ ने लेन वटे आयो। अन वाँका हाताँ में मसाळ, लालटेन अन हत्यार हा।
ईं वाते मन्दर का पेरादाराँ का मुक्यो आपणाँ सपायाँ की लारे वटे ग्यो अन थरप्या तका ने बना लड़ई-जगड़ा किदाई लेन आयो, काँके वाँने दरपणी ही के कटई लोग-बाग भाटा ने फेकबा लाग जा।