ईं वाते फरीसी आपणाँ चेला ने हेरोदिया का गुट का थोड़ाक मनकाँ का हाते ईसू का नके खन्दाया अन वणा क्यो, “हो गरुजी, माँ जाणा हाँ के, थूँ हाँचो हे, अन परमेसर को गेलो हाँचऊँ हिकावे हे, अन किंकीई दरप ने राके हे, काँके थूँ मनकाँ को मुण्डो देकन बाताँ ने करे हे।
ईंपे नरई यहूदी अदिकारियाँ मेंऊँ भी नरई वींपे विस्वास किदो, पण फरीसियाँ की वजेऊँ वीं ईं बात खुला में ने मानता हा, कटे अस्यान ने वे के, वाँने परातना घरऊँ बारणे काड़्या जावे,
पछे भी वीं भीड़ मेंऊँ घणा लोग-बाग वींपे विस्वास किदो अन केबा लागा के, “जद्याँ मसी आई तो वो जतरा परच्या अणी बताया हे अणीऊँ हेला ने बताई, कई वो अस्यान करी?”
जद्याँ वणा पतरस अन यहुन्ना की हिम्मत देकी अन हमज्या के, वे दुई अणभण्या अन भला मनक हे। तो वाँने घणो अचम्बो व्यो। पछे वे जाणग्या के, ईं दुई ईसू की लारे रे चुक्या हाँ।