ईसू परमेसर का मन्दर में जान वीं हारई ने, ज्यो मन्दर में लेण-देण को काम कररिया हाँ, वाँने बारणे काड़ दिदा, अन विदेसी रिप्या बदलबावाळा का तकता अन परेवड़ा बेचबावाळा की दकाना ने उलटी कर नाकी।
वीं टेम ईसू भीड़ऊँ क्यो, “कई थाँ तरवाराँ अन लठ लेन मने चोर का जस्यान पकड़बा का वाते आया हो? मूँ हरेक दन रोज मन्दर में बेटन उपदेस दिया करतो हो, तद्याँ तो थाँ मने ने पकड़्यो।
तद्याँ ईसू मन्दर में हिक देता तका जोरऊँ क्यो, “थाँ केवो हो के, थाँ हाँची में मने जाणो हो अन यो भी जाणो हो के, मूँ कटा को हूँ। मूँ खुद आपणाँ आड़ीऊँ ने आयो, पण मने खन्दाबावाळो हाँचो हे। वींने थाँ ने ओळको हो।