चेला ने गरू का बराबर वेवा में अन हाळी ने मालिक का बराबर वेवा मेंईस संतोक करणो छावे। यद्याँ वीं घर का मालिक ने बालजेबूल केवे, तो वाँका घर का लोगाँ ने ओरी हेलो बुरो काँ ने केई?
वटे युसुप नाम को एक मनक हो। ज्यो यहूदियाँ का मोटी सबा में मंतरी हो, वो एक घणो धरमी मनक हो। वो वाँकी ईसू ने मारबा की राय में अन वाँका अणी कामाँऊँ राजी कोयने हो अन वो यहूदियाँ का देस में अरमतिया नाम की जगाँ को रेबावाळो हो अन परमेसर की राज बाट नाळवावाळो हो।
ईंपे वीं हाराई मनक दरपग्या अन परमेसर की जे-जेकार करबा लागा के, “आपणाँ बसमें एक मोटा परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो परगट व्यो हे।” अन केबा लागा के, “परमेसर आपणाँ लोगाँ की मदत करबा ने आग्या हे।”
अणी पे कुई फरीसी केबा लागा, “जणी मनक यो किदो हे वो मनक परमेसर का आड़ीऊँ ने हे, काँके वो आराम का दन का नेमाने ने माने हे।” दूजाँ क्यो, “पापी मनक कस्यान अस्या परच्या बता सके हे?” अणी बात पे वाँका में आपस में फुट पड़गी।