ईसू वाँकाऊँ क्यो, “थाँईस अणाने खाबा ने दो।” वणा क्यो, “माँके नके पाँच रोट्याँ अन दो माछळ्याँ छोड़न ओर कई ने हे। पण, कटे थाँ यो तो ने छावो हो के, माँ जावा अन अणा हाराई का वाते खाणो मोल लेन आवा।”
काँके थाँ आपणाँ परबू ईसू मसी की दया ने तो जाणोइस हो अन थाँ ओ भी जाणो हो के, वीं अमीर वेता तका भी थाँका वाते गरीब बणग्या। जणीऊँ वाँकी गरीबीऊँ थाँ अमीर वे जावो।
अन में वणा च्यारई जीवता जीव का बचमें मेंऊँ ओ हेलो हुण्यो, “आबावाळा टेम में धरती पे काळ पड़ी, वीं टेम में एक दन की दानकी में एक दन का खावा अतराक गऊँ कन एक दन की दानकी में तीन दनाँ खावा अतराक जो मली, पण जेतुन का तेल अन अंगूरा को रस को भाव ने बदली।”