एक ओरी वजेऊँ माँ थाँका वाते परमेसर को धन्नेवाद करा हाँ के, जद्याँ माँ थाँने परमेसर को हव हमच्यार हुणायो हो जद्याँ थाँ ईंने मनकाँ का आड़ीऊँ ने जाण्यो पण परमेसर को जाणन ईंने मान्यो अन हाँच भी योईस हे, ईं वजेऊँ परमेसर थाँकामें जद्याँ विस्वास करो हो तो काम करे हे।
अलग अलग तरियाँ का अणजाणी हिकऊँ भटको मती, काँके थाँका मन का वाते यो हव के, वो खाबा-पिबा की नेमा का बजाए दयाऊँ मजबूत बणे। अन जणा खाबा-पिबा का नेमाने मान्याँ वणाऊँ वाँको कदी भलो कोनी व्यो।
परमेसर का बचन तो जीवता अन काम करबावाळा हे, वीं कस्यी तीकी तरवारऊँ भी तिका हे। अन परमेसर को बचन पराण, आत्मा, हन्ट अन गुदा ने अलग करन आर-पार वेवे हे अन मन की मनसा अन बच्यार ने जाँचे हे।
काँके थाँ नुवो जीवन पायो हे, अन थाँको यो नुवो जीवन मनकाँ का आड़ीऊँ कोयने, जिंको अंत वेवे हे, पण यो जीवन तो परमेसरऊँ आयो हो, जिंको अंत किदी ने वेवे हे। काँके थाँ परमेसर का बचना पे विस्वास किदो हे ज्यो हमेस्यान जीवतो अन अटल रेवे हे।
काँके मसी भी आपणाँ पापाँ का वाते दुक जेल्यो हो। ईंको मतलब ओ हे के, वो निरदोस हो तो भी वो आपणाँ पाप का वाते एक दाण मरग्यो, जणीऊँ वो आपाँने परमेसर का नके ले जावे। वो देह का रूप में तो मरग्यो, पण आत्मिक रूप में जिवायो ग्यो हे।
वो पाणी भी बतिस्मा का जस्यान हे, जणीऊँ अबे थाँ बंचाया जावो हो। अणी बतिस्मा को मतलब यो कोयने के, देह को मेल धोयो जावे, पण मन ने पुवितर करन खुद ने परमेसर का आड़ी फेरणो वेवे हे, काँके ईसू मसी मरिया तका मेंऊँ पाच्छा जीवता किदा ग्या हा।