हो बापू, मारी या अरज हे के, वीं हाराई एक वेवे, जस्यान मूँ थाँकामें हूँ अन थाँ मारा में हो, वस्यानीस वीं भी आपाँ में एक वेवे, जणीऊँ दनियाँ विस्वास करे के, थाँ मने खन्दायो हे।
ओ हाँच हे के, वींकी कमजोरी की वजेऊँ वींने हूळी पे चड़ायो ग्यो पण वो परमेसर की तागतऊँ जीरियो हे। ओ हाँच हे के, मसी का मयने माँ भी कमजोर हाँ पण थाँकी भलई की वाते परमेसर की तागतऊँ वींके हाते जीवाँ हाँ।
मूँ अबे जीवतो कोयने हूँ, पण मूँ ईसू मसी में जीवतो हूँ अन मूँ अणी देह में जीवतो हूँ तो बेस ईसू पे विस्वास करबा का मस जीवतो हूँ, ज्यो परमेसर को बेटो हो अन वणी माराऊँ अतरो परेम किदो के, आपणाँ खुद ने मारा वाते दे दिदो।
काँके वटा का मनक खुद ईं माकाँ बारा में बतावे हे के, कस्यान माँ थाँका नके आया अन कस्यान थाँ मूरत्याँ ने छोड़न जीवता अन हाँचा परमेसर की सेवा करबा का वाते फरग्या हाँ।
आ बात हाँची हे तो मसी को लुई कतरो जोरावर वेई? जणी अनंत आत्माऊँ खुद ने निरदोस बली का रूप में हमेस्या वाते परमेसर के चड़ा दिदो। वींके अस्यान करबाऊँ अन वींके लुईऊँ आपाँने मोत का आड़ीऊँ लेन जाबावाळा करमाऊँ आपणाँ मन सुद कर करी, ताँके आपाँ जीवता परमेसर की सेवा कर सका।