41 अणा बाताँऊँ यहूदी मनक ईसू पे बक-बक करबा लागा, काँके वो केतो हो के, “वाँ रोटी मूँ हूँ ज्या हरगऊँ उतरी हे।”
तो फरीसी अन सास्तरी बड़बड़ करन केवा लागा के, “यो तो पाप्याऊँ मले–जूले हे अन वाँके हाते खावे-पीवे भी हे।”
यो देकन हाराई लोग-बाग मन में बड़बड़ान केबा लागा के, “वी तो एक पापी मनक का अटे रकरियो हे।”
यो देकन फरीसियाँ अन वाँका सास्तर हिकाबावाळा ईसू का चेलाऊँ यो केन सिकायत करबा लागा, “थाँ लगान लेबावाळा अन दूजाँ पाप्याँ का हाते काँ खावो-पीवो हो?”
जद्याँ यरूसलेमऊँ यहूदी अदिकारी जद्याँ याजकाँ अन लेवीयाँ ने यहुन्नाऊँ ओ पूँछबा के वाते खन्दाया के, “थूँ कूण हे?”
वीं रोट्याँ ज्याँने परमेसर देवे हे वीं हरगऊँ उतरे हे अन दनियाँ का मनकाँने जीवन देवे हे।”
ईसू वाँने जवाब दिदो, “एक-दूजाऊँ बक-बक मती करो।
मूँ जीवन की रोटी हूँ, ज्या अनंत जीवन देवे हे।
या हरगऊँ उतरी तकी रोटी हे, आ वणी मन्ना का जस्यान ने हे, जिंने आपणाँ बड़ाबा खादो, तद्याँ भी वीं मरग्या। पण ज्यो कुई या रोटी खाई, वीं हमेस्यान जीवता रेई।”
ईसू पे विस्वास करबावाळा मूँ घणा जणा यो हुणन क्यो के, “या हिक घणी अबकी हे। ईंने कूण मान सके?”
ईं बात की वजेऊँ ईसू का पाच्छे चालबावाळा नरई वींने छोड़न पराग्या अन कदी भी वीं पाच्छा ने आया।
ईसू का बारा में लोगाँ में छाने-छाने घणी बाताँ वी। कतराई तो केता हाँ, “वो भलो मनक हे।” अन दूजाँ केता हा के, “ने, वो तो लोगाँ ने भरमावे हे।”
अन ने सिकायत कराँ जस्यान वणा मूँ नरई किदी ही अन अणीऊँस वाँको नास दण्ड देबावाळे हरग-दुतऊँ व्यो हो।
काँके ईं मनक बड़बड़ाबावाळा, दूजाँ मनकाँ पे दोस लगाबावाळा, आपणी मरजी पुरी करबावाळा, मोटी-मोटी बाताँ करबावाळा अन आपणाँ नफो करबा का वाते दूजाँ की चमचागीरी करबावाळा हे।