38 काँके मूँ आपणी मरजी ने, पण वींकी मरजी ने पुरी करबा ने आयो हूँ, जणी मने हरगऊँ खन्दायो हे।
जस्यान के मनक को पूत ईं वाते ने आयो के, वींकी सेवा-चाकरी किदी जावे पण ईं वाते आयो के, नरई ने छुड़ाबा का वाते आपणी जीव देवे।”
अन कुई भी हरग में ने ग्यो, बेस वो मनक को पूत ज्यो हरगऊँ उतरियो हे।
परमेसर आपणाँ पूत ने दनियाँ में ईं वाते ने खन्दायो के, वो दनियाँ का मनकाँ ने दण्ड देवे। पण ईं वाते खन्दायो के, दनियाँ का मनकाँ ने बंचा सके।
“ज्यो ऊपरेऊँ आवे हे वो हाराऊँ मोटो हे। ज्यो धरतीऊँ आवे हे वो धरती को हे अन वो धरती किइस बाताँ करे हे। ज्यो हरगऊँ आवे हे, वो हाराई का ऊपरे हे।
ईसू वाँने क्यो, “मारो खाणो ओ हे के, मूँ मने खन्दाबावाळा की मरजी पे चालूँ अन वींको काम पूरो करूँ, ज्यो वणी मने हुप्यो हे।
ईं बात पे ईसू वाँने क्यो, “मूँ थाँने सई–सई केवूँ हूँ, मूँ, बेटो, खुद कई ने कर सके हे, मूँ बेस वोईस करूँ हे, ज्यो बापू परमेसर ने करता तका देकूँ हे। काँके परमेसर ज्यो कई करे हे। मूँ भी वस्यानीस करूँ हूँ।
“मूँ आपणाँ खुद का हकऊँ कई भी ने कर सकूँ हूँ, ज्यो परमेसरऊँ हूणूँ हूँ, वींके जस्यानीस न्याव करूँ हूँ। अन मारो न्याव हाँचो हे, काँके मूँ मारी मरजी ने कोयने, पण मारा खन्दाबावाळा की मरजी ने पुरी करूँ हूँ।
ईसू वाँने जबाव दिदो, “परमेसर ज्यो छावे हे, वो यो हे के, जिंने वणी खन्दायो हे, वींपे विस्वास करो।”
वीं रोट्याँ ज्याँने परमेसर देवे हे वीं हरगऊँ उतरे हे अन दनियाँ का मनकाँने जीवन देवे हे।”
अन वणा क्यो, “कई यो युसुप को बेटो ईसू ने हे, कई आपाँ ईंका बई-बापूने ने ओळका हा। पछे यो कस्यान के सके हे के, ‘यो हरगऊँ उतरियो हे’?”
जस्यान मने जीवता बापू खन्दायो अन मूँ मारा बापू का कारण जीवतो हूँ वस्यानीस वीं भी ज्यो मने खाई मारा कारण जीवता रेई।
अटा तईं के मसी भी खुद ने राजी ने किदो हो। पण जस्यान मसी का बारा में सास्तर केवे हे के, “जणा थाँरो अपमान किदो हो, वो अपमान मारा पे आ पड़्यो हे।”
वींको ऊँसी जगाँ में जाबा को मतलब कई हे। बेस ओ हे के, वो पेल्याँ पाताळ में उतरियो हो।
ईसू परमेसर को छोरा हो, तद्याँ भी वो दुक जेलन वींकी आग्या को पालण करणो हिक्यो।