27 वीं खाणा वाते मेनत मती करो, ज्यो वासी जावे हे। पण वीं खाणा का वाते मेनत करो, ज्यो अनंत जीवन का वाते हे। अन यो खाणो मनक को पूत थाँने देई, काँके परमेसर वींने यो अदिकार दिदो हे।”
ईसू वींकी बात हुणन क्यो, “हिवाळ्या के, तो खोकल वेवे हे अन आकास का जनावराँ का वाते गवाळा वेवे हे पण मनक का पूत का वाते मातो ढाँकबा का वाते भी जगाँ ने हे।”
यद्याँ मूँ वाँका में वीं काम ने करतो, जिंमें किदो, तो वीं पापी ने बणता। पण अबे वाँकाणी वणा कामाँ ने देक्या हे, तद्याँ भी वीं माराऊँ अन मारा बापूऊँ दसमणी किदी।
जीवन की रोटी जा हरगऊँ उतरी हे वाँ मूँईस हूँ। यद्याँ कुई अणी रोटी ने खाई, तो वीं हमेस्यान जीवता रेई अन ज्या रोटी मूँ दनियाँ का जीवन का वाते देवूँ, वाँ मारी देह हे। अणीऊँस दनियाँ का मनक जीवता रेवे हे।”
या हरगऊँ उतरी तकी रोटी हे, आ वणी मन्ना का जस्यान ने हे, जिंने आपणाँ बड़ाबा खादो, तद्याँ भी वीं मरग्या। पण ज्यो कुई या रोटी खाई, वीं हमेस्यान जीवता रेई।”
ईसू नासरी का बारा में थाँ तो जाणो हो, परमेसर पुवितर आत्मा अन सगतिऊँ वींको तलक कस्यान किदो हो। वणी हव काम किदा अन सेतानऊँ दकी हारई जणा ने हव करतो तको च्यारूँमेर कस्यान गुमतो हो, काँके परमेसर वाँकी लारे हो।
“ओ इजराएल का लोगाँ, आ बाताँ हुणो, परमेसर, ईसू नासरीऊँ अनोका काम, परच्या अन हेन्याण्याँ करान ओ साबत किदो के, वणा वींने थाँका वातेईस खन्दायो हे, जो थाँके गाबे व्यो हे अन थाँ खुद भी जाणो हो।
ईंका केड़े वणी एक हेन्याण का तरिया खतनो करायो। ज्या विस्वास की वजेऊँ धारमिकता की छाप हे यो विस्वास वणी जदी दिकाया हो जद्याँ वींको खतनो ने व्यो हो। तो वो वाँ हाराई को बापू हे जीं बना खतना का वेन भी विस्वासी हे। ईं वाते ज्यो यहूदी ने हे वीं भी धरमी गण्या जावे।
क्यो जावे हे के, “खाणो पेट का वाते अन पेट खाणा का वाते हे।” पण परमेसर अणा दुयाँ ने खतम कर देई अन देह कुकरम का वाते ने हे, पण परबू की सेवा का वाते हे अन देह का वाते परबू वेवस्ता करे हे।
ज्यो कई दुक दिके हे वींने आपणी आक्याँ ने देके हे, पण वाँ चिजाँ दिके कोनी, वीं देके हे। काँके ज्यो चिजाँ दिके हे, वाँको नास वे जाई, पण ज्यो ने देके, वीं अमर रेई।
पण परमेसर की पाकी नीम हाले कोयने, जिंपे आ छाप लागरी हे के, “परबू आपणाँ मनकाँ ने जाणे हे,” अन, “ज्यो कुई परबू को नाम लेवे हे, वींने बुरा कामऊँ बच्यो तको रेणो छावे।”
देको कुई भी कुकरम ने करे अन वीं एसाव के जस्यान परमेसरऊँ छेटी ने जावे ज्यो पाटवी बेटो हो अन उतरादिकार पाबा को अदिकार हो, पण वणी बेस एक दाण का खाणा का वाते वो पद बेंच दिदो।
काँके सुरज को तावड़ा चारा ने बाल देवे हे। जणीऊँ वाँका फुल पता जड़ जावे हे अन वो बड़या ने दिके। अस्यान ईं अमीर मनक भी आपणाँ दोड़भाग का जीवन में एक दन नास वे जावे हे।
काँके सास्तर में भी लिक्यो तको हे के, “हाराई मनक चारा के जस्यान हे, अन वाँको सजणो अन धजणो भी काकड़ का फुल का जस्यान हे। चारो हूक जावे हे अन फुल जड़ जावे हे।