ईंपे ईसू वाँने क्यो, “थाँ अस्या लोग-बाग हो, जी मनकाँ का हामे आपणाँ खुद ने धरमी बतावे हे, पण परमेसर थाँका मन ने जाणे हे। मनक जिंने मोटा हमजे हे, वो परमेसर की देकणी में कई ने हे।
ईसू वाँने क्यो, “यद्याँ परमेसर थाँको बाप वेतो, तो थाँ माराऊँ भी परेम करता, काँके मूँ परमेसर का आड़ीऊँ आयो हूँ अन अटे हूँ। मूँ मारी मरजीऊँ ने आयो, पण मने वणा खन्दायो हे।
थाँ वींने ने जाणो हो, पण मूँ वींने जाणूँ हूँ। यद्याँ मूँ केतो के, मूँ वींने ने जाणतो, तो मूँ थाँका जस्यान जूट बोलवावाळो जूटो ठेरतो। पण मूँ वींने जाणूँ हूँ अन वींका बचना को पालण करूँ हूँ।
अगर थाँकामूँ किंने कणी चीज की जरूत वेवे अन थाँकापाँ वाँ चीज वेता तकाँ भी थाँ वींकी मदत ने करो। तो आपाँ कस्यान के सका हाँ के, आपाँ में परमेसर को परेम हे।