“ओ यरूसलेम, ओ यरूसलेम, थूँ ज्यो परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा ने मार नाके हे अन ज्यो थाँरा नके आवे हे वाँका ने भाटा मारे हे। कतरी दाण में यो छायो हो के, जस्यान कूकड़ी आपणाँ बच्या ने आपणाँ फाकड़ा का रेटे भेळा करन राके हे, मूँ भी वस्यानीस थाँरा मनकाँ ने भेळा करूँ, पण थें यो ने छायो हो।
जद्याँ आपाँ मनकाँ की गवई ने माने हाँ, तद्याँ परमेसर की गवई का वाते कई केवा? काँके परमेसर की गवई तो मनकाँ की गवईऊँ मोटी हे। अन अणी गवई की मानता आ हे के, परमेसर आपणाँ बेटा का वाते गवई दिदी।