ईसू वणीऊँ क्यो, “हिवाळ्या का नके तो खोकल वेवे हे अन आकास का जीव-जनावराँ का वाते तो गवाळा वेवे हे। पण, मूँ मनक का पूत का नके मातो ढाकबा जतरीक भी जगाँ ने हे।”
काँके थाँ आपणाँ परबू ईसू मसी की दया ने तो जाणोइस हो अन थाँ ओ भी जाणो हो के, वीं अमीर वेता तका भी थाँका वाते गरीब बणग्या। जणीऊँ वाँकी गरीबीऊँ थाँ अमीर वे जावो।
ईं वाते वींने हरेक बात में मनकाँ का जस्यानीस बणायो ग्यो हो, जणीऊँ वो परमेसर की सेवा करबा का वाते दया करबावाळो अन विस्वास जोगो मायाजक बणे। ताँके मनकाँ का पापाँ का मापी वाते बली हो सके।