53 तद्याँ वीं छोरा को बाप जाणग्यो के, ओ वीं टेम व्यो जणी टेम ईसू वणीऊँ क्यो के, “जा थाँ छोरा को बाल ईं वाँको ने वेई।” ईं वाते वणी अन वींका हाराई परवारवाळा ईसू पे विस्वास किदो।
तद्याँ ईसू वणी सेना का अदिकारीऊँ क्यो, “जा थाँरा वाते वस्यानीस वेई जस्यान थारो विस्वास हे।” अन वणीस दाण वीं सेना का अदिकारी को दास हव वेग्यो।
तद्याँ ईसू वणीऊँ क्यो, “आज अणी घर में छुटकारो आयो हे, काँके अणी विस्वास करन ओ बता दिदो हो के, ओ भी अबराम की ओलाद हे।
अन जद्याँ वो अदिकारी गेला मेंईस हो के, वींका नोकर वींके नके आग्या अन केबा लागो के, “थारो छोरो हव वेग्यो हे।”
वणी वाँकाऊँ पूँछ्यो, “छोरो कणीक दाण हव व्यो?” वाँकाणी क्यो, “काले दपराँ की टेम का लगे-भगे वींको ताव उतरग्यो हो।”
वो थने बचन हुणाई, जींऊँ थूँ अन थारो परवार बंचायो जाई।
जदी वा लुगई अन वींका परवारवाळा हंगळा हाते बतिस्मो लिदो तो वणी माँकी मनवार किदी के, “यद्याँ थाँ मने परमेसर में विस्वास करबावाळी लुगई हमजो, तो अटूँ मारे हाते चालो अन मारे घरे रो।” जद्याँ तईं माँ राजी ने व्या, तद्याँ तईं वा मनवार करतिइस री।
वो वाँने घरे लेग्यो अन वणा ने रोट्याँ खुवई। वीं अन वींको हारोई कटुम्ब परमेसर पे विस्वास करन आणन्दऊँ भरग्यो।
तद्याँ वटे परातना घर के मुक्ये आपणाँ हंगळा परवार हमेत विस्वास किदो। ओ हुणन कुरिन्तुस नगर का नरई लोगाँ विस्वास किदो अन बतिस्मो लिदो।
काँके ओ वादो थाँका वाते, थाँका छोरा-छोरी अन वाँ हंगळा जणा के वाते जो नरई छेटी हे, अन वाँ हाराई लोगाँ का वाते ज्याँने परमेसर आपणाँ नके बलावे हे।”