52 वणी वाँकाऊँ पूँछ्यो, “छोरो कणीक दाण हव व्यो?” वाँकाणी क्यो, “काले दपराँ की टेम का लगे-भगे वींको ताव उतरग्यो हो।”
तद्याँ ईसू हुगली आत्माने आग्या दिदी अन वाँ वणी छोरा मूँ बारणे निकळगी अन छोरो वणीस दाण हव वेग्यो।
तद्याँ ईसू वणी सेना का अदिकारीऊँ क्यो, “जा थाँरा वाते वस्यानीस वेई जस्यान थारो विस्वास हे।” अन वणीस दाण वीं सेना का अदिकारी को दास हव वेग्यो।
अन जद्याँ वो अदिकारी गेला मेंईस हो के, वींका नोकर वींके नके आग्या अन केबा लागो के, “थारो छोरो हव वेग्यो हे।”
तद्याँ वीं छोरा को बाप जाणग्यो के, ओ वीं टेम व्यो जणी टेम ईसू वणीऊँ क्यो के, “जा थाँ छोरा को बाल ईं वाँको ने वेई।” ईं वाते वणी अन वींका हाराई परवारवाळा ईसू पे विस्वास किदो।