50 ईसू वींने क्यो, “जा, थाँरा छोरा को बाल ईं वाँको ने वेई।” वणी ईसू की बात पे विस्वास किदो अन परोग्यो।
तद्याँ ईसू वणी सेना का अदिकारीऊँ क्यो, “जा थाँरा वाते वस्यानीस वेई जस्यान थारो विस्वास हे।” अन वणीस दाण वीं सेना का अदिकारी को दास हव वेग्यो।
जद्याँ ईसू वाँने देकन क्यो, “जान आपणाँ खुद ने याजकाँ ने बतावो।” अन पसे अस्यान व्यो के, वीं गेला में जाता-जाताई हव वेग्या।
ईसू वींने क्यो, “कई में थने ने क्यो हो के, यद्याँ थूँ विस्वास करी, तो परमेसर की मेमा ने देकी?”
अदिकारी ईसुऊँ क्यो, “हे मालिक, मारा छोरा की मोत वेबाऊँ पेल्या परा चालो।”
अन जद्याँ वो अदिकारी गेला मेंईस हो के, वींका नोकर वींके नके आग्या अन केबा लागो के, “थारो छोरो हव वेग्यो हे।”
पण अबराम होच्यो के, परमेसर मरिया तका ने भी जीवतो कर सके हे अन एक दूजी आड़ीऊँ क्यो जावे तो वणी इसाक ने मोतऊँ पाछो पा लिदो हो।