43 पछे ईसू वटे दो दन रिया अन पछे वटूँ गलील परदेस में पराग्या।
पण वो नासरत नगर में ने रियो अन जान कफरनूम नगर में, ज्यो जबलुन अन नप्ताली हाकम का देस में गलील समन्द का अड़े-भड़े हो, वटे रेवा लागो।
पछे अन्दरियास समोन ने ईसू का नके लायो। ईसू वींने देकन क्यो के, “थूँ यहुन्ना को छोरो समोन हे, पण थूँ केफा नामऊँ जाण्यो जाई।” केफा जिंने पतरस भी केवे हे, ज्याँको मतलब छाट भी वेवे हे।
जद्याँ वीं सामरी लोग-बाग वाँका नके आया अन अरज करबा लागा के, “माकाँ अटे रेवो।” ईं वाते ईसू वटे दो दन तईं रियो।
काँके ईसू खुदई क्यो हो के, कुई परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा आपणाँ खुद का देस में आदर-मान ने पावे हे।
ईंका केड़े पाछो वो गलील का काना नगर में ग्यो जटे वणी पाणी को अंगूरा को रस बणायो हो। अन वटे एक कफरनूम नगर का राजा को अदिकारी हो, जिंको छोरो मांदो हो।
में थाँने बताऊँ हूँ के, पुरबजाऊँ किदा तका परमेसर का वादा का हाँच ने हाँचो साबत करबा का वाते मसी परमेसर की हाँच का जस्यान यहूदी मनकाँ को दास बण्यो।