38 में थाँने वो खेत काटबा के वाते खन्दाया, जिंमें थें काम ने किदो। वींमें दूजाँ मेनत किदी अन अबे थाँ वाँकी मेनत का काम का फळ में भी भागी बणग्या हो।”
ईसू हाराई गलील देस में यहुदया का परातना घर में हरग का राज को हव हमच्यार को उपदेस देतो अन तरे-तरे का रोगा ने हव करतो तको फरबा लागो।
यहुन्नो भी वीं उजिता की गवई देबा ने आयो, ताँके हाराई वींकी हुणन उजिता पे विस्वास करे।
जस्यान थाँ मने दनियाँ में खन्दायो, वस्यानीस में भी वाँने दनियाँ में अलग अलग जगाँ में खन्दाया हे।
काँके ईंपे आ कावत ठीक बेटे हे के, ‘वावे कुई ओर अन काटे कुई ओर हे।’
वणी सामरी लुगई की गवई की वजेऊँ घणा सामरी मनकाँ ईसू पे विस्वास किदो। काँके वणी लुगई गवई में क्यो हो के, “में ज्यो कई किदो हो, वो हाराई वणा बता दिदो।”
वामूँ जणी-जणी सन्देसा ने मान्यो, वाँने बतिस्मो दिदो ग्यो अन वीं दन वाँकी मण्डली में लगे-भगे तीनेक हजार लोग-बाग मलग्या।
हारई विस्वास करबावाळा एक मन अन हरदा का हाँ। अटा तईं के, वे आपणी धन-दोलत ने आपणी ने केता हा, पण हारी चिजाँ वाँका भेळा में ही।
पण, जणा वीं परच्यार ने हुण्यो, वामूँ नरई जणा विस्वास किदो। विस्वास करबावाळा की गणती लगे-भगे पाँचेक हजार पोंछगी ही।
परबू पे विस्वास करन नरई लोग मण्डली में ओरू भी आन मलरिया हा, जिंमें नरई लोग-लुगायाँ ही।
अस्यान परमेसर का बचन दन-दूणा रात चोगुणा फेलतारिया अन यरूसलेम में चेला की मण्डली हेलीऊँ हेली वेबा लागी, अन याजकाँ का नरई लोग ईसू पे विस्वास करबा लागग्या।
अन ने माँ दूजाँ की मेनत पे मेपणो करा हा पण आस हे के, जस्यान जस्यान थाँको विस्वास बड़तो जाई वस्यान-वस्यान माँ भी थाँकी वजेऊँ ओरू बड़ता जावा।