पछे थोड़ाक आगे जान वे धरती पे उन्दो पड़न परातना किदी, “ओ मारा बाप, यद्याँ वे सके तो या दुक को प्यालो माराऊँ छेटी वे जावे, तो भी मूँ छावूँ जस्यान ने, पण जस्यान थूँ छावे वस्यानीस वेवे।”
“मूँ आपणाँ खुद का हकऊँ कई भी ने कर सकूँ हूँ, ज्यो परमेसरऊँ हूणूँ हूँ, वींके जस्यानीस न्याव करूँ हूँ। अन मारो न्याव हाँचो हे, काँके मूँ मारी मरजी ने कोयने, पण मारा खन्दाबावाळा की मरजी ने पुरी करूँ हूँ।
पण मारा नके एक ओरी गवा हे जिंकी गवई यहुन्ना की गवईऊँ मोटी हे काँके परमेसर ज्यो काम पूरो करबा के वाते मने हुप्यो हे, मूँ वाँका काम ने कररियो हूँ अन वीं कामइस मारी गवई हे के, परमेसर मने खन्दायो हे।
विस्वास का मालिक अन वींने सिद करबावाळा ईसू मसी का आड़ी आपाँ देकता रा। जणी आपणाँ हामें राक्या तका आणन्द का वाते लाज-सरम की चन्ता ने किदी अन हूळी पे दुक जेल्यो अन परमेसर की गादी के जीमणे पाल्डे जान बेटग्यो।