पछे भी वीं भीड़ मेंऊँ घणा लोग-बाग वींपे विस्वास किदो अन केबा लागा के, “जद्याँ मसी आई तो वो जतरा परच्या अणी बताया हे अणीऊँ हेला ने बताई, कई वो अस्यान करी?”
पुवितर आत्मा अन लाड़ी केवे हे, “आ।” अन ज्यो ईंने हुणे हे, वीं भी केवे, “आ।” अन ज्यो तरियो हे वो भी आवे अन ज्यो कुई छाई, वो जीवन को पाणी फोकट में पिया करी।