काँके मसी मने बतिस्मा देबा का वाते ने पण हव हमच्यार हुणाबा का वाते खन्दायो हे अन यो भी मनकाँ का ग्यानऊँ ने। यद्याँ मूँ अस्यान करूँ तो मसी को हूळी चड़णो बेकार वेई।
अन माँ खुद को परच्यार ने कराँ हाँ पण परबू का रूप में ईसू मसी को परच्यार कराँ हाँ अन माँ माकाँ बारा में तो अस्यान केवाँ हाँ के, माँ ईसू का मस थाँका दास हाँ।