8 बायरो जटे छावे वटे चाले हे, अन थाँ वाँकाणी अवाज हुण सको हो, पण ने जाणो हो के, वो कटेऊँ आरियो हे अन कटने जारियो हे। ज्यो कुई पुवितर आत्माऊँ जनमे हे, वो भी अस्यानीस हे।”
परमेसर की ओलाद वेबा का वाते वीं मनक की मरजी का मस देहऊँ ने जनम्याँ, पण वीं तो परमेसर की मरजीऊँ आत्मिक रूप में जनम्याँ।
अचम्बो मती कर, काँके मूँ थाँकाऊँ केरियो हूँ के, ‘थाँने नुवी रितऊँ जनम लेणो जरूरी हे।’
निकेदुमस वाँने जवाब दिदो के, “ओ कस्यान वे सके हे?”
वीं दाण आकासऊँ डूँज के जस्यान अवाज अई अन जणी घर में वे बेटा हा, वो घर गूँज उट्यो।
जद्याँ वणा परातना कर लिदी, तो वाँ जगाँ जटे वे अगेटा व्या हाँ, हालगी। अन वे हारई पुवितर आत्माऊँ भरग्या अन परमेसर का वसना ने बना दरप्याई हुणाबा लागग्या।
पण ईं हाराई काम एकीस आत्मा करे, ज्या एकीस हे अन वाँ जिंने छावे वाँने ईं वरदान बाँट देवे हे।
मनकाँ की आत्मा का सिवा वाँका खुद का बच्याराँ ने कुई ने जाणे, वस्यानीस परमेसर की आत्मा के सिवा परमेसर का बच्याराँ ने कुई ने जाणे हे।
अन जद्याँ थाँ ओ जाणो हो के, ईसू मसी धरमी हे, तद्याँ थाँ यो भी जाण लो के, ज्यो मनक धरम का काम करे हे, वींइस परमेसर का बेटा-बेटी हे।