6 तो ईसू वाँकाऊँ क्यो, “नाव की जीमणा पाल्डे जाळ नाको तो पावो।” ईं वाते वाँकाणी जाळ नाक्यो, अन हेली माछळ्याँ वेबाऊँ जाळ खेंच ने सक्या।
अन बरका वरी, अन नंदी अई, अन वीं घरऊँ टकराई अन वो हड़ीन धुळा भेलो वेग्यो।”
ईसू की माँ नोकर-चाकरऊँ क्यो, “वो ज्यो कई थाँकाऊँ केवे, थाँ वो करज्यो।”
वामूँ जणी-जणी सन्देसा ने मान्यो, वाँने बतिस्मो दिदो ग्यो अन वीं दन वाँकी मण्डली में लगे-भगे तीनेक हजार लोग-बाग मलग्या।
पण, जणा वीं परच्यार ने हुण्यो, वामूँ नरई जणा विस्वास किदो। विस्वास करबावाळा की गणती लगे-भगे पाँचेक हजार पोंछगी ही।