23 ईं वाते चेला में या बात फेलगी के, वो चेलो ने मरी। ईसू वींने ओ ने क्यो हो के, वो ने मरी। पण ओ क्यो के, “यद्याँ मूँ छावूँ के, वो मारे आबा तईं जीवी, तो थाँरे अणीऊँ कई हे?”
ईं वाते जद्याँ तईं परबू ने आवे वणीऊँ पेल्याँ किंको भी न्याव मती करो। वीं तो अदंकार में हपी तकी बाताँ ने भी उजिता में दिकाई अन मना की बाताँ भी हामे लाई अन वणी दाण परमेसर का आड़ीऊँ हरेक की बड़ई वेई।
ईं वाते हो भायाँ, जद्याँ तईं परबू पाच्छा ने आवे थाँ धीरज राको। जस्यान एक करसाण आपणे वाते मायनो राकबावाळी खेत की हाक पाकबा की आस करतो तको चोमासा की पेली बरकाऊँ लेन हियाळा का मावटा तईं धीरज राके।