ईसू यो हमजन के, “वीं माराऊँ कई पूँछणा छारिया हे।” ईं वाते वणा क्यो, “कई थाँ एक-दूजाऊँ मारी ईं बाताँ का बारा पूँछरिया हो के, ‘थोड़ीक टेम केड़े थाँ मने ने देको अन पछे थोड़ीक टेम में मने देको’?
अतराक में वींका चेला भी आग्या अन अचम्बो करबा लागा के, वो लुगईऊँ बाताँ कररियो हे। तद्याँ भी कणी भी वणी लुगईऊँ ने पूँछ्यो के, “थूँ कई छावे हे?” अन नेई ईसुऊँ के, “थूँ कणी वाते वणीऊँ बात कररिया हो।”
वाँ हारई मनकाँ के हामे कोयने, पण बेस वाँ गवा के हामे, जो पेल्याँई परमेसर का हातऊँ थरप्या ग्या हा, ज्याँकाणी मरिया तकाऊँ जीवता व्या केड़े वाँकी लारे खादो-पीदो हो।