अन जट जावो अन वींका चेलाऊँ केवो के, ‘वो मरिया तका मूँ जी उट्यो हे, अन वो थाँका हाराऊँ पेल्या गलील जावे हे, वटे वींको दरसण पावो!’ देको, में थाँकाऊँ के दिदो, वींने आद राकज्यो।”
पछे जदी वींका ग्यारई चेला रोट्याँ खारिया हा, ईसू वाँका मुण्डागे परगट व्या अन वे वाँने वाँका बना विस्वास, कल्डा मन के वाते फटकारिया, काँके वणा वाँका हमच्यार को विस्वास ने किदो हो, जणा ईसू ने जीवता व्या केड़े देक्या हा।
वो हूळी पे दक भोगन मरिया केड़े पाका सबूत का हाते नरी दाण परगट व्यो, वो जीवतो हे। अन चाळी दनाँ तईं चेला वींने देक्यो अन वो वाँने परमेसर का राज का बारा में बतातो रियो।