विस्वास करबा को अरत हे के, जणा चिजाँ की आपाँ आस लगा राकी हे, वीं आपाँने मलगी हे ईंको भरोसो कराँ हा। अन जीं चिजाँ ने आपाँ देक ने सका, पण आपाँने वाँको मलबा को पूरो भरोसो हे।
अन जद्याँ थाँ वींने देक्यो ने हे, तो भी थाँ वाँकाऊँ परेम करो हो अन अबाणू भी वींने ने देक पारिया हो, तो भी थाँ वींपे विस्वास करन अस्यान राजी-खुसी वेवो हो के, जिंको बखाण ने किदो जा सके हे, जो मेमाऊँ भरियो तको हे।