27 तद्याँ ईसू ने थोमाऊँ क्यो, “आपणी आँगळी लगान मारा हाताँ ने देक अन आपणो हात पाळा में गाल। विस्वास मती छोड़, पण विस्वासवाळो बण।”
ईसू वींकी बात हुणन क्यो, “अरे बना विस्वास का मनक, मूँ थाँकी लारे कतरा दन तईं रेऊँ? अन कतरा दन थाँकी बाताँ ने सेण करूँ? वीं छोरा ने मारा नके लावो।”
पछे ईसू वाँने क्यो, “अरे बना विस्वास का मनक, मूँ थाँकी लारे कतरा दन तईं रेऊँ? अन कतरा दन थाँकी बाताँ ने सेण करूँ। छोरा ने मारा नके लावो।”
मारा हात-पगाँ ने देको के, मूँ वोईस हूँ। मारे अड़न देको, काँके भूत के हाड़क्या अन माँस ने वेवे, जस्यान थाँ मारा में देकरिया हो।”
ओ केन ईसू आपणाँ हात-पगाँ ने बताया।
ईसू मनकाँ की भीड़ऊँ क्यो, “ओ बना विस्वास का मनक अन भटक्या तका लोगाँ मूँ थाँका हाते कटा तईं रेवूँ?” अन वींका बाप ने क्यो, “आपणाँ बेटा ने अटे ल्या।”
अन ओ केन वणा आपणाँ हात अन आपणी पाँळी का घाव बताया। तद्याँ चेला परबू ने देकन राजी व्या।
जदी दूजाँ चेला वाँकाऊँ केबा लागा, “माँ परबू ने देक्याँ हे।” तद्याँ वणी वींकाऊँ क्यो, “जद्याँ तईं मूँ वाँका हाताँ में खीलाँ का निस्याण में आँगळी ने गोड़ूँ अन वाँकी पाँळी में आपणो हात ने गालूँ तद्याँ तईं मूँ विस्वास ने करूँ।”
ओ हुणन थोमा जबाव दिदो, “ओ मारा परबू, ओ मारा परमेसर।”
नेम ईं वाते आया हा के, पाप बड़ सके। पण जटे पाप बड़्यो, वटे परमेसर की करपा वणीऊँ ओरू भी हेली बड़ी।