जदी दूजाँ चेला वाँकाऊँ केबा लागा, “माँ परबू ने देक्याँ हे।” तद्याँ वणी वींकाऊँ क्यो, “जद्याँ तईं मूँ वाँका हाताँ में खीलाँ का निस्याण में आँगळी ने गोड़ूँ अन वाँकी पाँळी में आपणो हात ने गालूँ तद्याँ तईं मूँ विस्वास ने करूँ।”
आपाँ वणी जीवन का बचन की बात करा हाँ, ज्यो किंकी भी रचना वेबाऊँ पेल्याई हो, आपाँ ईंने हुण्यो, आपणी आक्याँऊँ देक्यो, ईंपे ध्यान लगायो, अन आपाँ खुद वींके हात अड़ायो।