15 ईसू वींने क्यो, “ए लुगई, थूँ काँ रोवे हे? किंने होदरी हे?” वाँ वींने माळी हमजन क्यो, “ओ बासा, थाँ वींने लेग्या वो तो मने बतावो के, वींने कटे मेल राक्यो हे। ताँके मूँ वींने ले जवूँ।”
हो हाँप का बच्या, थें बुरा वेन कस्यान हव बाताँ कर सको हो? काँके ज्यो मन में हे, वोईस मुण्डा में आवे हे।
तद्याँ हरग-दुत वणा लुगायाऊँ क्यो, “दरपो मती, मूँ जाणूँ हूँ के, थाँ ईसू ने ज्यो हूळी पे चड़ायो ग्यो हो वींने होदो हो।
पछे वीं मोट्यार वाँने क्यो, “दरपो मती, थें ज्यो ईसू नासरत नगर को रेबावाळो हो, जिंने थाँ होदरी हो, जिंने हूळी पे चड़ायो हो, वो जीवतो वेग्यो हे। वो अटे कोयने हे। ईं जगाँ ने देको, जटे वींने मेल्यो हो।
वणा यो होच्यो के, वो आपणाँ हण्डाळ्याँ का हाते वेई अन वी चालता रिया एक दन वेग्यो, पण वो वाँका नके ने आयो तो पसे वी वींने आपणाँ हगा-होई अन ओळकाण वाळा में होदबा लागा।
जद्याँ वीं दरपगी अन रेटे मुण्डो करन ऊबी वेगी, तो वणा मनकाँ लुगायाऊँ क्यो, “थाँ जीवता ने मरिया तका में काँ होदो हो?
ईसू पाच्छा फरन वाँने पाच्छे आवता तका देकन वणाऊँ क्यो, “थाँ कई होदरिया हो?” तो वणा क्यो, “हो गरुजी, थाँ कटे रेवो हो?”
तद्याँ ईसू वणा हारी बाताँ ने ज्यो वींपे आबावाळी ही जाणन आगे आयो अन वाँने क्यो, “थाँ किंने होदरिया हो?”
तद्याँ ईसू वाँने पाछो पूँछ्यो, “थाँ किंने होदरिया हो?” वणा क्यो, “नासरत का ईसू ने।”
वाँकाणी वींने क्यो, “ए लुगई, थूँ काँ रोवे हे?” वणी क्यो, “वीं मारा परबू ने ले पराग्या हे अन मूँ ने जाणूँ हूँ के, वींने कटे मेल्यो हे?”