12 अन जटे ईसू की लास मेली ही, वटे दो हरग-दुताँ ने चमकण्या गाबा पेरया तका एक ने तो हराणे अन दूजाँ ने पगात्याँ बेटा देक्या।
वटे वाँका हामे ईसू को रूप बदलग्यो, अन वींका मुण्डो सुरज का जस्यान गाबा उजिता का जस्यान चमकबा लागा।
जद्याँ वे लोग-बाग ईसू ने हरग में जाता तका देकरिया हा, वीं दाणइस वटे धोळा गाबा पेरिया तका दो जणा वाँका बचमें परगट वेग्या।
पण सरदीस थाँरा मयने थोड़ाक मनक हे जीं खुद ने पुवितर बणान राक्या हे। वीं धोळा गाबा पेरन मारा हाते-हाते गुमी, काँके वीं खरा मनक हे।
में वणीऊँ क्यो, “हे मालिक, थाँ तो जाणोई हो।” तो वणा माराऊँ क्यो, “ईं वीं मनक हे जी कळेस जेलन आया हे अन अणा आपणाँ गाबा ने उन्याँ का लुईऊँ धोन धोळा किदा हे।