10 तद्याँ वीं चेला पाच्छा आपणाँ-आपणाँ घरे पराग्या।
तद्याँ पतरस उटन कबर का आड़ी दोड़्यो अन वणी कबर में छाकन देक्यो के, तो वटे धोळा चादरो पड़्या हा ओर कई ने हो। पसे वटे ज्यो भी वणी देक्यो वींमें अचम्बो करतो तको आपणाँ घरे परोग्यो।
देको, वा टेम आरी हे पण आगी हे के, थाँ हाराई अटने-वटने वेन आपणो आपणो गेलो नापो, अन मने एकलो छोड़ देवो। पण मूँ एकलो कोयने काँके बापू मारे लारे हे।
पण, मरियम रोती तकी कबर के नके बारणे ऊबी वेगी अन रोती तकी जुकन कबर का मयने नाळरी ही।