9 जद्याँ मुक्ये ओ पाणी चाक्यो, ज्यो अंगूरा को रस बणग्यो हो, वो ने जाणतो हो के, ओ कटाऊँ आयो, पण जणा नोकर-चाकर पाणी काड्यो हो, वीं जाणता हाँ। तो वणी मुक्ये बींद ने बलायो,
ईसू वाँकाऊँ क्यो, “ब्याव के टेम में जद्याँ तईं बींद आपणाँ जान्या का हाते हे तो कई वींका जान्या रोवणो-धोवणो करी? पण वीं दन जद्याँ बींदराजा ने वाँकाऊँ छेटी किदो जई, वीं टेम वीं एकाणो राकी।