4 ईसू क्यो, “ओ मास्या, मने कई करबा का वाते मती केवो। अबाणू मारी टेम ने अई हे।”
ईंपे ईसू वींने जवाब दिदो, “हे नारी, थाँरो विस्वास मोटो हे। जस्यान थूँ छावे हे, थाँरा वाते वस्यानीस वेवे।” अन वींकी छोरी वणीस दाण हव वेगी।
वाँकाणी ईसू ने ओळकन हाका-भार किदी अन क्यो, “हो परमेसर का पूत, थूँ माँकाऊँ कई छावे हे? कई थूँ माँने टेमऊँ पेल्याई दण्ड देबाने अटे आयो हे?”
ईसू वणाऊँ क्यो, “थाँ मने कई लेवा होदरिया हो? कई थाँ यो ने जाणता हा के, मारा बाप का घर में मारो रेणो जरूरी हे?”
ईं बात पे ईसू वाँने क्यो, “वाँ टेम आगी हे के, मनक का पूत की मेमा वेवे।
फसे का तेवार पेल्याँ जद्याँ ईसू जाणग्यो के, “मारी वाँ घड़ी आ पूगी हे के, मूँ दनियाँ छोड़न बापू का नके जाऊँ।” तो ईसू आपणाँ लोगाऊँ ज्यो दनियाँ में हाँ, जस्यान परेम वो राकतो हो आकरी तईं वस्यानीस परेम राकतो रियो।
वटे जद्याँ अंगूरा को रस खतम वेग्यो, तो ईसू की माँ ईसुऊँ क्यो, “अटे अबे अंगूरा को रस खतम वेग्यो हे।”
वाँकाणी वींने क्यो, “ए लुगई, थूँ काँ रोवे हे?” वणी क्यो, “वीं मारा परबू ने ले पराग्या हे अन मूँ ने जाणूँ हूँ के, वींने कटे मेल्यो हे?”
ईसू वींने क्यो, “ए लुगई, थूँ काँ रोवे हे? किंने होदरी हे?” वाँ वींने माळी हमजन क्यो, “ओ बासा, थाँ वींने लेग्या वो तो मने बतावो के, वींने कटे मेल राक्यो हे। ताँके मूँ वींने ले जवूँ।”
पछे वीं वींने पकड़णो छायो, पण कुई भी वींने हात ने लगा सक्यो, काँके वींके पकड़्यो जावा को टेम अबाणू ने आयो हो।
तद्याँ ईसू वाँने क्यो, “मारा वाते अबाणू तेवार में जाबा का वाते सई टेम ने आयो हे, पण थाँका वाते हरेक टेम सई हे।
ईं तेवार में थाँ जावो। मूँ अबाणू ईं तेवार में ने जावूँ, काँके मारो वाते सई टेम आलतरे ने आयो हे।”
ईं बाताँ वणी मन्दर के दान-पेटी का भड़े हिक देती दाण क्यो अन कणी भी वींने ने पकड़्यो, काँके वींको टेम आलतरे ने आयो हो।
अबे आगेऊँ आपाँ कणी भी मनक को ईं दनियाँ की रीत जस्यान न्याव ने कराँ। जद्याँ एक टेम आपाँ मसी को भी दनियाँ की रीत के जस्यानीस न्याव किदो हो, पण अबे कई भी वे आपाँ वींने अस्यान ने देकाँ।