1 पछे तीजे दन गलील परदेस का काना नगर में किंको ब्याव हो अन ईसू की माँ भी वटे ब्याव में ही।
अबाणू तईं ईसू मनकाँ की भीड़ऊँ बाताँ कररियो हो, तद्याँ वाँकी बई अन भई बारणे ऊबा हा अन वाँकाऊँ बाताँ करणा छाता हा।
आगले दन यहुन्ने ईसू ने आपणाँ आड़ी आवता तका देकने क्यो, “ओ परमेसर को उन्यो हे, ज्यो दनियाँ का लोगाँ का पापाँ ने आपणाँ ऊपरे ले लेई।
दूजे दन यहुन्नो अन वींका चेला मूँ दो जणा वटे ऊबा हा।
दूजे दन ईसू गलील जाबा का वाते ते किदो अन फिलिपुस मलग्यो तो वींने क्यो, “मारा पाच्छे चाल।”
ईसू गलील का काना नगर में आपणो ओ पेलो परच्यो देन आपणी मेमा परगट किदी अन वाँका चेला वाँके ऊपरे विस्वास किदो।
समोन पतरस अन थोमो, ज्यो दिदुमस नामऊँ जाण्यो जातो हो अन गलील के काना नगर को नतनएल अन जब्दी का छोरा की लारे वाँका चेलाऊँ दो जणा ओरी हा।
ईंका केड़े पाछो वो गलील का काना नगर में ग्यो जटे वणी पाणी को अंगूरा को रस बणायो हो। अन वटे एक कफरनूम नगर का राजा को अदिकारी हो, जिंको छोरो मांदो हो।
ब्याव को हाराई ने मान करणो छावे। लोग-लुगई एक-दूँजा का वाते वफादार रेवो। काँके दूजाँ का हाते गलत वेवार राकबावाळा लोग-लुगई ने अन कुकरम करबावाळा ने परमेसर सजा देई।