29 वटे एक खाटा अंगूरा को रसऊँ भरियो तको ठामड़ो वटे मेली मेल्यो हो। ईं वाते वाँकाणी खाटा अंगूरा का रस में नाक्यो तको फूंबो एक रूँकड़ा की कामड़ी पे मेलन वींका मुण्डा के अड़ायो।
जदी एक मनक दोड़न खाटा अंगूरा का रस में डूब्यो तको रुँई को फुम्बो एक कामड़ी में टाँकन लायो अन ईसू ने सूँकवा का वाते दिदो अन क्यो, “रुको, देकाँ ईंने रेटे उतारबा ने एलियो आवे कन ने आवे।”