25 ईसू की हूळी का भड़े वींकी बई, वींकी मासी, क्लोपास की घरवाळी मरियम अन मरियम मगदलीनी ऊबी ही।
अबाणू तईं ईसू मनकाँ की भीड़ऊँ बाताँ कररियो हो, तद्याँ वाँकी बई अन भई बारणे ऊबा हा अन वाँकाऊँ बाताँ करणा छाता हा।
हपता के पेले दन दितवार ने वो जीवतो व्या केड़े, हारऊँ पेल्याँ मरियम मगदलीनी का मुण्डागे परगट व्यो, जिंने वे हात हुगली आत्माऊँ छुटकारो दिदो हो।
जणीऊँ घणा जणा का मना का बच्यार परगट वेई अन थाँरी आत्मा घणी दकी वेई।”
पण ईसू की जाण-पेचाणवाळा अन जीं लुगायाँ गलीलऊँ वींकी लारे अई ही, वीं हाराई छेटी ऊबी रेन ओ हारोई देकरी ही।
ओ हूँणन वाँका मेंऊँ क्लियुपास नाम के एक मनक क्यो, “कई थूँ यरूसलेम में एकलो ईं परदेसी हे? ज्यो थूँ जाणे कोयने हे के, अणा दनाँ में वटे कई वेरियो हे?”
अन हुगली आत्मा अन मांदकीऊँ हव वी तकी नरी लुगायाँ भी वाँका हाते ही। वाँका मूँ हात हुगली आत्माऊँ हव वी तकी मरियम मगदलीनी नाम की एक लुगई भी ही।
हपता का पेले दन दितवार ने मरियम मगदलीनी भाग-फाट्याँईं कबर पे अई अन कबर का मुण्डाऊँ भाटा ने छेटी हरक्यो तको देक्यो।