2 पछे सपायाँ काँटा की डाळ्याँ को मुकट गूँतन ईसू का माता पे मेल दिदो। अन वींने दरबारी गाबा पेरायाँ।
तद्याँ दरबार हेरोदेस आपणाँ सपायाँ का हाते मलन बुरा वेवार करन वींकी रोळ किदी अन वींने जामूणिया रंग का गाबा पेरान वींने पिलातुस का नके पाछो खन्दा दिदो।
तद्याँ ईसू काँटा को मुकट अन दरबारी गाबा पेरिया तका बारणे निकळ्यो अन पिलातुस मनकाँऊँ क्यो, “देको, ओ रियो वो मनक।”