10 ईंपे पिलातुस ईसुऊँ क्यो, “थूँ माराऊँ काँ ने बोलरियो हे? कई थूँ ने जाणे के, थने छोड़बा को हक मारा नके हे अन थने हूळी पे चड़ाबा को भी मने हक हे?”
पण, थाँकी आ रीत हे के, मूँ फसे का तेवार पे थाँका वाते कणी एक केदी ने छोड़ दूँ। ईं वाते थाँ छावो, तो मूँ अणी ‘यहूदियाँ का राजा’ ने छोड़ दूँ?”
ईसू जवाब दिदो, “यद्याँ परमेसर थाँने मारा पे यो हक ने देता, तो थाँ कई ने कर सकता। तो थारो मारा पे कई हक ने वेतो। ईं वाते जणा मने थाँरा हाताँ में हूँप्यो हे, वीं थाँराऊँ भी हेला पापी हे।”
अन पछे दरबार का मयने जान ईसुऊँ क्यो, “थूँ कटा को हे?” पण, ईसू वींने कई जबाव ने दिदो।