36 ईसू वींने क्यो, “मारो राज ईं दनियाँ को ने हे। यद्याँ मारो राज ईं दनियाँ को वेतो तो मने मानबावाळा लड़ता के, मूँ यहूदियाँ का हाताँ में हूँप्यो ने जाऊँ। पण मारो राज अटा को ने हे।”
कई थाँ ने जाणे के, मूँ आपणाँ बापूऊँ अरज कर सकूँ हूँ, अन वो हरग दुताँ की बाराई फोजाऊँ हेला मारा नके अबाणू भेळा कर देई?
ईसू वींने क्यो, “अरे भला मनक, मने थाँको न्याव कन बटवारो करबावाळो कणी बणायो हे?”
पिलातुस क्यो, “कई मूँ यहूदी हूँ? थाराईस यहूदी मनकाँ अन मुक्य याजकाँ थने मारा हात में हूँप्यो हे। थें अस्यो कई किदो हे?”
ईसू यो जाणन के, “वी लोग मने जबरदस्ती पकड़न राजा बणबा के वाते आरिया हे।” तो वीं एकलाई मंगरा पे परोग्या।
थाँ मनकाँ का नेमा ने देकन न्याव करो हो, पण मूँ किंकोई न्याव ने करूँ हूँ।
काँके परमेसर का राज में बेस खाणो-पिणो ने हे, पण वो तो धारमिकता, सान्ती अन पुवितर आत्माऊँ मल्यो तको आणन्द हे।
परमेसर का हामे, जी हाराई ने जीवन देबावाळा हे अन पिलातुस का हामे, हिम्मत का हाते आपणाँ विस्वास ने बताबावाळा ईसू मसी में, मूँ थने आग्या दूँ हूँ के,