में वाँकाऊँ क्यो, ‘रोमियाँ में अस्या रिति-रिवाज कोयने हे के, दोस लगाया तका मनक ने वाद-विवाद करन वींने बंचबा को मोको दिदा बनाई वींने दण्ड का वाते हूँप्यो जावे।’
काँके हाँचई में, थाँका पुवितर दास ईसू, जिंको थाँ राजतलक किदो। वींका विरोद में हेरोदेस अन पिलातुस, ज्यो यहूदी ने हा अन इजराएल्याँ की लारे वेन ईं नगर में भेळा व्या।