26 मोटा याजक का दासाँ मूँ एक ज्यो वींका परवार को हो। जिंको पतरस कान्दड़ो काट नाक्यो हो वणी क्यो, “कई में थने ईंका हाते बाग में ने देक्यो हो?”
थोड़ीक देर केड़े ज्यो वटे ऊबा हाँ, वणा पतरस का नके आन वणीऊँ क्यो, “हाँचई थूँ वाँका मूँ एक हे, काँके थारी बोली थारो भेद बतारी हे।”
थोड़ीक दाण केड़े कणी दूजे वींने देकन क्यो, “थूँ भी वाँका मूँ एक हे।” पतरस क्यो, “ए भई, वो मूँ ने हूँ।”
ईसू या परातना करिया केड़े आपणाँ चेला की लारे किद्रोन वाळा के पार ग्या। वटे एक बाग हो। जिंमें वीं अन वाँका चेला ग्या।
तद्याँ समोन पतरस तरवार ज्या वींका नके ही ताणी अन मायाजक का दास को जीमणो कान्दड़ो काट दिदो। वीं दास को नाम मलकुस हो।