22 जद्याँ ईसू अस्यान क्यो तो मन्दर को एक चोकीदार ईसू का नकेईस ऊबो हो वणी ईसू के छापट मारन क्यो, “कई मोटा याजक ने जवाब ईं तरिया देवे हे?”
जदी मनक वींपे थूँक्यो अन वींको मुण्डो ढाँकन मुक्की ठोकी अन केबा लागा, “आगेवाणी करन बोल थारे कूण ठोकी?” अन पछे पेरादारा वींने पकड़न रेपटाँ मारी।
पछे थूँ माराऊँ कई पूछे हे? हुणबावाळाऊँ पुछ के, में वाँकाऊँ कई क्यो। वीं जाणे हे के, में कई-कई क्यो।”
तद्याँ यहूदो रोमी सेना का एक दल ने अन मुक्य याजकाँ अन फरीसियाँ की आड़ीऊँ मन्दर का चोकीदाराँ ने लेन वटे आयो। अन वाँका हाताँ में मसाळ, लालटेन अन हत्यार हा।
अन वींका नके आन क्यो, “यहूदियाँ का राजा अमर रेवे!” अन वींके रेपटाँ मेली।