वीं टेम ईसू भीड़ऊँ क्यो, “कई थाँ तरवाराँ अन लठ लेन मने चोर का जस्यान पकड़बा का वाते आया हो? मूँ हरेक दन रोज मन्दर में बेटन उपदेस दिया करतो हो, तद्याँ तो थाँ मने ने पकड़्यो।
ईं बात पे मायाजक आपणाँ गाबा फाड़न अन क्यो, “अणी परमेसर की नन्दयाँ किदी हे, अबे मारे गुवा की कई जरूत ने हे? देको, थाँ अबाणू ईंने परमेसर की नन्दया हामळी हे।
ईसू हारई नगराँ अन गामाँ में जाता अन वाँका परातना घर में हिकाता रिया अन परमेसर का राज का हव-हमच्यार को परच्यार करता रिया अन हारी मांदकी अन कमजोरियाँ ने छेटी करता रिया।
तद्याँ ईसू मन्दर में हिक देता तका जोरऊँ क्यो, “थाँ केवो हो के, थाँ हाँची में मने जाणो हो अन यो भी जाणो हो के, मूँ कटा को हूँ। मूँ खुद आपणाँ आड़ीऊँ ने आयो, पण मने खन्दाबावाळो हाँचो हे। वींने थाँ ने ओळको हो।
थाँका बारा में मने घणी बाताँ करणी हे अन थाँने सजा देबा का वाते भी घणी बाताँ हे पण मने खन्दाबावाळो हाँचो हे अन ज्यो में वणीऊँ हुण्यो हे वोईस मूँ दनियाँ ने केवूँ हूँ।”
राजा अग्रिपा के हामे भी मूँ बना दरप्या बोलरियो हूँ, काँके वो अणा बाताँ ने जाणे हे अन मने विस्वास हे के, अणा बाताँ में कई हप्यो तको ने हे, काँके ईं बाताँ कस्या खुणा में ने वीं हे।