2 वाँने धोकाऊँ पकड़बावाळो यहूदो भी वाँ जगाँ जाणतो हो। काँके ईसू नरी दाण आपणाँ चेला की लारे वटे जाया करता हा।
“हो परबू, मारा पूत पे दया कर! काँके वींने मर्गी को जोलो आवे हे, अन वो घणो दुक भोगरियो हे अन वो नरी दाण वादी में अन नरी दाण पाणी में पड़ जावे हे।
ईसू वणा दनाँ में मन्दर में उपदेस करतो हो अन रात ने बारणे जान जेतुन नाम का मंगरा ऊपरे रिया करतो हो।
पसे ईसू बारणे निकळन रोज का जस्यान जेतुन का मंगरा पे ग्या अन चेला वाँका हाते आया।