16 पण पतरस बारणे बाणा पे ऊबो रियो। तद्याँ वो दूजो चेलो ज्यो मोटा याजक की पेचाणवाळो हो, बारणे आयो अन चोकीदारणीऊँ केन पतरस ने मयने लेग्यो।
पतरस बारणे आगंणा में बेट्यो तको हो, तो एक नोकराणी वींका नके आन क्यो, “थूँ भी वीं गलील का ईसू का हाते हो।”
हाकम पिलातुस को फसे का तेवार पे आ रीत ही के, लोगाँ का वाते कणी एक ने जेळ मेंऊँ जिंने वीं छाता हाँ, छोड़ देतो हो।
हारई फसे का तेवार पे कस्याई बन्दी ने छोड़बा की एक रीत ही, जिंने लोग छाता हाँ, वाँका वाते पिलातुस वींने छोड़ देतो हो।
तद्याँ हाराई मनक हाको करबा लागा के, “ईंने मोत की सजा दो अन माकाँ वाते बरब्बा ने छोड़ दो।”
पतरस बारणे का कुँवाड़ ने बजायो, तो वींने देकबा के वाते रूदे नाम की एक दासी अई।