ईसू वींने जवाब दिदो, “थें ओ ने जाणो हो के, कई माँगरिया हो। ज्यो दुक को प्यालो मूँ पिबा में हूँ, कई थें पीं सको हो?” वाँकाणी वाँने क्यो, “हा, पीं सका हा।”
पछे थोड़ाक आगे जान वे धरती पे उन्दो पड़न परातना किदी, “ओ मारा बाप, यद्याँ वे सके तो या दुक को प्यालो माराऊँ छेटी वे जावे, तो भी मूँ छावूँ जस्यान ने, पण जस्यान थूँ छावे वस्यानीस वेवे।”
ईसू वींने क्यो, “मारो राज ईं दनियाँ को ने हे। यद्याँ मारो राज ईं दनियाँ को वेतो तो मने मानबावाळा लड़ता के, मूँ यहूदियाँ का हाताँ में हूँप्यो ने जाऊँ। पण मारो राज अटा को ने हे।”
ईसू वींने क्यो, “मारे हात मती लगा, काँके मूँ अबाणू बाप का नके ने ग्यो हूँ। पण, मारा भायाँ का नके जान वाँने के दे के, ‘मूँ मारा बाप अन थाँका बाप अन मारा परमेसर अन थाँका परमेसर का नके ऊपरे जारियो हूँ।’ ”
विस्वास का मालिक अन वींने सिद करबावाळा ईसू मसी का आड़ी आपाँ देकता रा। जणी आपणाँ हामें राक्या तका आणन्द का वाते लाज-सरम की चन्ता ने किदी अन हूळी पे दुक जेल्यो अन परमेसर की गादी के जीमणे पाल्डे जान बेटग्यो।