10 तद्याँ समोन पतरस तरवार ज्या वींका नके ही ताणी अन मायाजक का दास को जीमणो कान्दड़ो काट दिदो। वीं दास को नाम मलकुस हो।
ईं बात पे ईसू वींने क्यो, “मूँ थने हाँची केऊँ, आज राते कूकड़ा के दो दाण बोलबाऊँ पेल्याँ थूँ मने तीन दाण ओळकबाऊँ नट जाई।”
तो ईसू को एक चेलो, ज्यो वाँका नके ऊबो हो, आपणी तरवार निकाळन मायाजक का एक नोकर पे चला दिदी, जींऊँ वींको कान्दड़ो कटग्यो।
पतरस वाँने क्यो, “ओ परबू जी, मूँ थाँका हाते जेळ जाबा का वाते नेईस ने, पण मरबा रे वाते भी त्यार हूँ।”
मोटा याजक का दासाँ मूँ एक ज्यो वींका परवार को हो। जिंको पतरस कान्दड़ो काट नाक्यो हो वणी क्यो, “कई में थने ईंका हाते बाग में ने देक्यो हो?”