ईसू वींने क्यो, “हे फिलिपुस, मूँ अतरा दनाऊँ थाँरा हाते हूँ, अन कई थूँ मने ने ओळके हे? जणी मने देक्यो हे वणी बापू ने देक्या हे। तो थूँ काँ केवे हे के, ‘माने बापू का दरसण करई दे’?
वो बेटो परमेसर की मेमा को उजितो हे अन जस्यान परमेसर का लकण हे, वस्यानीस वींका भी लकण हे। वो हारी चिजाँ ने आपणाँ जबरा बचनाऊँ हमाळी राके हे। मनकाँ का पापाँ ने माप करन वो हरग में जान मेमामय परमेसर का जीमणे पाल्डे बेटग्यो हे।
थाँ भी मसी का वजेऊँईस परमेसर पे विस्वास करो हो, जणा वाँने मरिया तका मेंऊँ पाछो जीवतो कर दिदो अन वींने मेमा भी दिदी। ईं वाते थाँको विस्वास अन थाँकी आस परमेसर में गाटी बणी तकी रेवे।
वीं जीवन को ग्यान आपाँने करायो ग्यो। आपाँ वींने देक्यो। आपीं वींका गवा हा अन अबे थाँने भी वींके बारा में बतावा हाँ, ज्यो बापू परमेसर का हाते हे अन आपाँ पे परगट व्यो हो।
जणा मनकाँ को नाम वीं उन्याँ की जीवन की किताब में ने लिक्यो तको हो, वीं हाराई वी डरावणा जनावर के धोक लागी। अन यो उन्यो ज्यो ईं दनियाँ की सरुआतऊँ बली वेबा का वाते ते किदो ग्यो हो।