तो जद्याँ में क्यो के, मूँ परमेसर को बेटो हूँ। तो थाँ क्यो, ‘मूँ परमेसर की नन्दयाँ करूँ हूँ।’ पण मूँ तो वोईस हूँ, जिंने परमेसर चुणन ईं दनियाँ में खन्दायो हे।
कुरिन्तुस में परमेसर की वणा मण्डळ्याँ का नाम लिक्यो, जीं ईसू मसी में पुवितर किदी गी, ज्याँने परमेसर आपणाँ मनक बणाबा का वाते चुण्या हा, जीं हरेक जगाँ आपणाँ अन वाँका परबू ईसू मसी को नाम लेवे हे।
थाँका वाते जीं बाताँ बड़-चड़न किदी ही, वणी वाते मने हरमा ने मरणो पड़्यो, पण जस्यान माँ थाँने हाँची-हाँची क्यो हो, वस्यानीस थाँका बारा में, में मारो मेपणो तीतूस का हामे हाँच का हाते परगट किदो हे।
काँके थाँ आपणाँ परबू ईसू मसी की दया ने तो जाणोइस हो अन थाँ ओ भी जाणो हो के, वीं अमीर वेता तका भी थाँका वाते गरीब बणग्या। जणीऊँ वाँकी गरीबीऊँ थाँ अमीर वे जावो।
थाँ होचो के, वो मनक कतरो दण्ड भोगी, जणी आपणाँ पगा का रेटे परमेसर का बेटा ने गूँन्दयो हे, अन वो वणी करार का पुवितर लुई जणीऊँ वो पुवितर किदो हो वो वींने एक अपुवितर मान्यो हे अन वणी दया करबावाळी आत्मा को भी अपमान किदो हे।
काँके जद्याँ बकरा अन पाडा का लुई अन पाडी की भभूत वाँका पे छाटी जावे, ज्यो रिति-रिवाज का जस्यान असुद ने सुद बणावे हे, ताँके वीं देह का हस्याबूँ सुद वे सके।
यद्याँ अस्यान वेतो तो दनियाँ का रचनाऊँ लेन वींने आकोदाण दुक जेलणो पड़तो, पण अबे जुग का अन्त में वो एकीस दाण परगट व्यो हे, ताँके आपणाँ बलीदानऊँ पाप ने छेटी कर दे।